पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा पारित राजनीतिक प्रस्ताव को जुमलेबाजी का दस्तावेज बताते हुए प्रस्ताव में बेरोजगारी के संबंध में दिये गये आंकड़ों को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में आरएसएस के विभाजनकारी और सामाजिक न्याय बिरोधी सिद्धांतों को प्रमुखता दी गई है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रस्ताव में एनडीए सरकार के कार्यकाल में छः लाख नौजवानों को नौकरी देने का दावा किया गया है ।
इससे बड़ा झूठ कुछ हो हीं नहीं सकता है। सबसे अधिक नियोजन वाले शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में अभी 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत पद रिक्त हैं। जिस सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया का जिक्र किया गया है वह सरकार का पंचवर्षीय योजना बन कर रह गई है। यही हाल स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों की है। एनडीए सरकार के पिछले 16 वर्षों के कार्यकाल में नियुक्ति के नाम पर बेरोजगार नौजवानों का केवल मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण और दोहन किया गया। जो नियुक्तियां भी हुई उसमें बड़े पैमाने पर कदाचार और धांधली कि गई ।
बिहार से पलायन करने वालों की संख्या दो सौ प्रतिशत से ढाई सौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रस्ताव में नकारात्मक भावनाओं के अलावा न कोई दृष्टि है न भविष्य की कोई योजना। कोरोना जैसे महामारी में सरकारी विफलता, वैक्सीनेशन की शिथिलता, बढती महंगाई, बदतर कानून व्यवस्था, बाढ की त्रासदी, आर्थिक पिछड़ापन जैसे मूल समस्याओं की कोई सार्थक चर्चा राजनीतिक प्रस्ताव में नहीं है।